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गवारा पापा हिन्दी कविता मध्यांतर में बांहों मुकम्मल महसूस जिस्म फुरसत वक्त आराम फुर्सत सिमटना दिल शीशे में ख्याल झंकार बैठे गुड़िया लफ्ज

Hindi बांहों में सिमटना Poems